दिल धड़कने लगा जब तुम्हारे लिए।
दिल धड़कने लगा जब तुम्हारे लिए।
दिल तुम्हारा है मेरी अमानत नहीं।।
इश्क में दिल की हालत बताऊं सनम।
मिल्कियत भी हमारी सलामत नहीं।।
इश्क मांगी सज़ा तुमसे ता उम्र की।
कैद मांगी थी हमने जमानत नहीं।।
दिल की हालत सुनो तुमसे फ़रियाद है।
अब तुम्हारे सिवा कुछ अदालत नहीं।।
तुमने मुझसे कहा भूल जाऊं तुम्हें।
प्यार सच्चा किया था अदावत नहीं।।
तुमने उसको चुना हमसफर बन गई।
सब मुकद्दर है कोई शिकायत नहीं।।
प्रखर कहती हो अब भी खयानत नहीं।
प्यार धोखा हुआ है कयामत नहीं।।