Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Apr 2023 · 1 min read

दिल धड़कने लगा जब तुम्हारे लिए।

दिल धड़कने लगा जब तुम्हारे लिए।
दिल तुम्हारा है मेरी अमानत नहीं।।
इश्क में दिल की हालत बताऊं सनम।
मिल्कियत भी हमारी सलामत नहीं।।
इश्क मांगी सज़ा तुमसे ता उम्र की।
कैद मांगी थी हमने जमानत नहीं।।
दिल की हालत सुनो तुमसे फ़रियाद है।
अब तुम्हारे सिवा कुछ अदालत नहीं।।
तुमने मुझसे कहा भूल जाऊं तुम्हें।
प्यार सच्चा किया था अदावत नहीं।।
तुमने उसको चुना हमसफर बन गई।
सब मुकद्दर है कोई शिकायत नहीं।।
प्रखर कहती हो अब भी खयानत नहीं।
प्यार धोखा हुआ है कयामत नहीं।।

513 Views
Books from सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
View all

You may also like these posts

2872.*पूर्णिका*
2872.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*शिव जी को पूज रहे हैं जन, शिव महायोग के हैं ज्ञाता (राधेश्य
*शिव जी को पूज रहे हैं जन, शिव महायोग के हैं ज्ञाता (राधेश्य
Ravi Prakash
धड़कनों ने इबादत शुरु कर दी,
धड़कनों ने इबादत शुरु कर दी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बिखरे सपने
बिखरे सपने
Kanchan Khanna
Khata kar tu laakh magar.......
Khata kar tu laakh magar.......
HEBA
धीरज धरो तुम
धीरज धरो तुम
Roopali Sharma
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
#विशेष_दोहा-
#विशेष_दोहा-
*प्रणय*
जीवन तब विराम
जीवन तब विराम
Dr fauzia Naseem shad
गीत नया गाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे...
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे...
आर.एस. 'प्रीतम'
अपने हिस्सों में आई तकलीफे किसे पसंद होती हैं।
अपने हिस्सों में आई तकलीफे किसे पसंद होती हैं।
पूर्वार्थ
इंसान हूं मैं आखिर ...
इंसान हूं मैं आखिर ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
विचलित
विचलित
Mamta Rani
जग के जीवनदाता के प्रति
जग के जीवनदाता के प्रति
महेश चन्द्र त्रिपाठी
" निद्रा "
Dr. Kishan tandon kranti
देख रही हूँ जी भर कर अंधेरे को
देख रही हूँ जी भर कर अंधेरे को
ruby kumari
वो भी तो ऐसे ही है
वो भी तो ऐसे ही है
gurudeenverma198
तजुर्बा
तजुर्बा
Ragini Kumari
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मेरे तुम हो
मेरे तुम हो
Rambali Mishra
तेरा गांव और मेरा गांव
तेरा गांव और मेरा गांव
आर एस आघात
अयोध्या का राम मंदिर
अयोध्या का राम मंदिर
Dr Archana Gupta
- जीवन की यह रेलगाड़ी -
- जीवन की यह रेलगाड़ी -
bharat gehlot
राधे राधे
राधे राधे
ललकार भारद्वाज
ସେହି ଫୁଲ ଠାରୁ ଅଧିକ
ସେହି ଫୁଲ ଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
तुम्हें लगता है, मैं धोखेबाज हूँ ।
तुम्हें लगता है, मैं धोखेबाज हूँ ।
Dr. Man Mohan Krishna
मेरा साया ही
मेरा साया ही
Atul "Krishn"
कविता चोरों को सप्रेम भेंट
कविता चोरों को सप्रेम भेंट
अवध किशोर 'अवधू'
बुनियाद के पत्थर
बुनियाद के पत्थर
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...