दिल तुम्हारा मुझे भ गया है ग़ज़ब ।
ग़ज़ल।
दिल तुम्हारा मुझे भा गया है ग़ज़ब ।
इक नशा प्यार का छा गया है ग़ज़ब ।।
भर खिली आँख मे तेरी तस्वीर है ।
तन शरारा सुकूँ पा गया है ग़ज़ब ।।
ज़म गया ज़ाम साक़ी पिलाये किसे ।
ग़ल लुटाने को नापा गया है ग़ज़ब ।।
रुक गयी रूप पर आज है चाँदनी ।
ग़म पुराना कुरेदा गया है ग़ज़ब ।।
लत लगी है तुम्हे देखने की सनम ।
दिल दुआ से दवा पा गया है ग़ज़ब ।।
धड़कने बढ़ गयी है यहां रूह की ।
इत्तिका की हवा पा गया है ग़ज़ब ।।
गुम तुम्हारी अदाओं मे रकमिश हुआ ।
सिलसिला का मज़ा पा गया है ग़ज़ब ।।
रकमिश माने -राम केश मिश्र