– दिल तुझसे जो लगाया –
– दिल तूझसे जो लगाया –
आंखो के आगे अंधेरा छाया,
तूने जो दगाबाजी के कारनामे को अपनाया,
मेरी आंखों को आंसुओ में डुबाया,
जब तेरी बेवफाई ने मेरा दिल दुखाया,
दिल शीशे की तरह टूट आया,
जब तूने मुझे ठुकराया,
मेरे मन को ठेस पहुंचाया,
मोहब्बत को बदनाम कर पाया,
सच्ची मोहब्बत को जो तूने नकारा,
एक वक्त में मेरी गलती जो तुझे ही अपना सबकुछ बताया,
क्या करे भरत अब कर भी क्या सकता है,
गहलोत ने दिल तुझसे जो लगाया,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान