दिल टूटा सपने सारे चकनाचूर हुए
दिल टूटा सपने सारे चकनाचूर हुए
क्या दुनिया है मुसीबत में अपने भी दूर हुए
समझते थे हम भी अपने को अमीर कभी
वक्त हाथों भीख मांगने को हैं मजबूर हुए
जिन्हें समझते थे हम अपना दुश्मन कभी
आज वह ही हमारी आँखों के नूर हुए
जिन्हें कल तक पूछता नहीं था कोई
आज वो सारी दुनिया में मशहूर हुए
जो कभी लगते थे हम सबको आधे-अधूरे
उन्हें आज देखिए वे विद्वता से भरपूर हुए
बस समय और किस्मत का खेल है सारा
मजदूर भी देखते ही राजा नुरपूर हुए।
विशाल.✍️✍️