दिल को रुला गए
**दिल को रुला गए**
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प्यारे तुम कहाँ गए,
दिल को भी रुला गए।
कुछ भी तो बचा नहीं,
अस्मत तक लुटा गए।
हमने ढूंढ लिया जहां,
ना जाने जहाँ गए।
मुट्ठी भर मिला नहीं,
खाली ही वहाँ गए।
मनसीरत किसे कहे,
पल भर में भुला गए।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)