दिल को दुखाना छोड़ दो
दिल को दुखाना छोड़ दो
********************
दिल को दुखाना छोड़ दो,
सुख को चुराना छोड़ दो।
करो कोई काम ना ऐसा,
जन को सताना छोड़ दो।
कोई सज्जन न हो आहत,
हक को दबाना छोड़ दो।
बहुत ही हो कत्ल ए आम,
दंगे निभाना छोड़ दो।
बड़ी मुश्किल से हैँ बसती,
बस्तियाँ जलाना छोड़ दो।
जान लो कीमत मानव की,
लहू को बहाना छोड़ दो।
हिंदू मुस्लिम हैँ भाई-भाई,
आपस में लड़ाना छोड़ दो।
बहन बेटी का चीरहरण,
अस्मत उड़ाना छोड़ दो।
होती हर मौत रिश्ते की,
भटका निशाना छोड़ दो।
मनसीरत रास ना आए,
आलाप पुराना छोड़ दो।
********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)