Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2019 · 1 min read

दिल के परदे खोल दे

दो बातें मुझको प्यार की,हँसके बस तू बोल दे।
आँखों में आँखें डाल के,दिल के परदे खोल दे।।

दीवाना हूँ इक प्यार का,तेरे ही इज़हार का।
तुझपे सब कुछ दूँ मैं लुटा,प्यासा बस दीदार का।
खुश किस्मत समझूँ आज मैं,दिल अपना अनमोल दे।
आँखों में आँखें डाल के,दिल के परदे खोल दे।।

तेरी हसरत जबसे जगी,खुद को मैं भूला हुआ।
ख़्वाबों के ही संसार में,मैं तो हूँ झूला हुआ।
आ मेरी बाहों में ज़रा,उल्फ़त का माहौल दे।
आँखों में आँखें डाल के,दिल के परदे खोल दे।।

आया है सावन झूमके,शीतल पवनें चलें।
मदहोशी नश-नश में भरी,ऐसे में हमतुम मिलें।
महकी-महकी हो ये फ़िजा,मोहब्बत तू घोल दे।
आँखों में आँखें डाल के,दिल के परदे खोल दे।।

प्रीतम मैं तेरे प्यार में,आई हूँ जग छोड़के।
मुझको सीने से तू लगा,रहलें हम दिल जोड़के।
मैं डोलूँ तेरे प्यार में,तू भी हँसके डोल दे।
आँखों में आँखें डाल के,दिल के परदे खोल दे।।

दो बातें मुझको प्यार की,हँसके बस तू बोल दे।
आँखों में आँखें डाल के,दिल के परदे खोल दे।।

आर.एस.प्रीतम
——————–
सर्वाधिकार सुरक्षित–radheys581@gmail.com

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 462 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
ख़्वाहिशें
ख़्वाहिशें
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मैं चाँद पर गया
मैं चाँद पर गया
Satish Srijan
बेवफ़ाई
बेवफ़ाई
Dipak Kumar "Girja"
मन मयूर
मन मयूर
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
अनारकली भी मिले और तख़्त भी,
अनारकली भी मिले और तख़्त भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जाने कैसी इसकी फ़ितरत है
जाने कैसी इसकी फ़ितरत है
Shweta Soni
"घूंघट नारी की आजादी पर वह पहरा है जिसमे पुरुष खुद को सहज मह
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
हसलों कि उड़ान
हसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
#प्रेरक_प्रसंग
#प्रेरक_प्रसंग
*प्रणय*
3775.💐 *पूर्णिका* 💐
3775.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुछ भागे कुछ गिर गए,
कुछ भागे कुछ गिर गए,
sushil sarna
धर्म सवैया
धर्म सवैया
Neelam Sharma
जल बचाकर
जल बचाकर
surenderpal vaidya
प्रियवर
प्रियवर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
अल्फाजों मे रूह मेरी,
अल्फाजों मे रूह मेरी,
हिमांशु Kulshrestha
رام کے نام کی سب کو یہ دہائی دینگے
رام کے نام کی سب کو یہ دہائی دینگے
अरशद रसूल बदायूंनी
चाय ही पी लेते हैं
चाय ही पी लेते हैं
Ghanshyam Poddar
पहला कदम
पहला कदम
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
Cottage house
Cottage house
Otteri Selvakumar
पाँव की पायल
पाँव की पायल
singh kunwar sarvendra vikram
*
*"सिद्धिदात्री माँ"*
Shashi kala vyas
"हमारे नेता "
DrLakshman Jha Parimal
बेटा तेरे बिना माँ
बेटा तेरे बिना माँ
Basant Bhagawan Roy
राह के कंकड़ अंधेरे धुंध सब छटती रहे।
राह के कंकड़ अंधेरे धुंध सब छटती रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
गवर्नमेंट जॉब में ऐसा क्या होता हैं!
गवर्नमेंट जॉब में ऐसा क्या होता हैं!
शेखर सिंह
" कभी "
Dr. Kishan tandon kranti
उड़ान
उड़ान
Saraswati Bajpai
वो न जाने कहाँ तक मुझको आजमाएंगे
वो न जाने कहाँ तक मुझको आजमाएंगे
VINOD CHAUHAN
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
Ravi Prakash
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
पूर्वार्थ
Loading...