दिल के परदे खोल दे
दो बातें मुझको प्यार की,हँसके बस तू बोल दे।
आँखों में आँखें डाल के,दिल के परदे खोल दे।।
दीवाना हूँ इक प्यार का,तेरे ही इज़हार का।
तुझपे सब कुछ दूँ मैं लुटा,प्यासा बस दीदार का।
खुश किस्मत समझूँ आज मैं,दिल अपना अनमोल दे।
आँखों में आँखें डाल के,दिल के परदे खोल दे।।
तेरी हसरत जबसे जगी,खुद को मैं भूला हुआ।
ख़्वाबों के ही संसार में,मैं तो हूँ झूला हुआ।
आ मेरी बाहों में ज़रा,उल्फ़त का माहौल दे।
आँखों में आँखें डाल के,दिल के परदे खोल दे।।
आया है सावन झूमके,शीतल पवनें चलें।
मदहोशी नश-नश में भरी,ऐसे में हमतुम मिलें।
महकी-महकी हो ये फ़िजा,मोहब्बत तू घोल दे।
आँखों में आँखें डाल के,दिल के परदे खोल दे।।
प्रीतम मैं तेरे प्यार में,आई हूँ जग छोड़के।
मुझको सीने से तू लगा,रहलें हम दिल जोड़के।
मैं डोलूँ तेरे प्यार में,तू भी हँसके डोल दे।
आँखों में आँखें डाल के,दिल के परदे खोल दे।।
दो बातें मुझको प्यार की,हँसके बस तू बोल दे।
आँखों में आँखें डाल के,दिल के परदे खोल दे।।
आर.एस.प्रीतम
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