Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2022 · 1 min read

दिल के जख्म कैसे दिखाए आपको

दिल के जख्म कैसे दिखाए आपको।
उनमें कितना दर्द है कैसे बताए आपको।।

दिल पर जो बीत चुकी है बीत जाने दो।
उसे दुबारा से कैसे सुनाए आपको।।

तुमने सताया है पहले ही ज्यादा।
फिर हम कैसे सताए आपको।।

जो जख्म दिए बेवफ़ाई के तुमने
उनको हर बार कैसे दिखाए आपको।।

भूलने से भी भूलती नहीं तेरी यादें।
फिर हम कैसे भुलाए आपको।।

रस्तोगी के दिल में बसी हो तुम।
फिर दिल से कैसे हटाए आपको।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 667 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
4246.💐 *पूर्णिका* 💐
4246.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मेरे खिलाफ वो बातें तमाम करते हैं
मेरे खिलाफ वो बातें तमाम करते हैं
पूर्वार्थ
मोहब्बत में इतना सताया है तूने।
मोहब्बत में इतना सताया है तूने।
Phool gufran
#कुछ खामियां
#कुछ खामियां
Amulyaa Ratan
डिफाल्टर
डिफाल्टर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
खुदा तो रुठा था मगर
खुदा तो रुठा था मगर
VINOD CHAUHAN
जुगनू की छांव में इश्क़ का ख़ुमार होता है
जुगनू की छांव में इश्क़ का ख़ुमार होता है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन एक यथार्थ
जीवन एक यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
फ़ासले जब
फ़ासले जब
Dr fauzia Naseem shad
सत्य से विलग न ईश्वर है
सत्य से विलग न ईश्वर है
Udaya Narayan Singh
रामराज्य
रामराज्य
Suraj Mehra
आकाश से आगे
आकाश से आगे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
Atul "Krishn"
सुखी होने में,
सुखी होने में,
Sangeeta Beniwal
Stay grounded
Stay grounded
Bidyadhar Mantry
Kavi Shankarlal Dwivedi (1941-81)
Kavi Shankarlal Dwivedi (1941-81)
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
Jogendar singh
भजन- सपने में श्याम मेरे आया है
भजन- सपने में श्याम मेरे आया है
अरविंद भारद्वाज
आजमाइश
आजमाइश
AJAY AMITABH SUMAN
इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल
इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल
शेखर सिंह
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
लक्की सिंह चौहान
Mushaakil musaddas saalim
Mushaakil musaddas saalim
sushil yadav
पागल हो जनता चली,
पागल हो जनता चली,
sushil sarna
दर्द  जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
दर्द जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
Ashwini sharma
जो धनी हैं वे धनी बनते जा रहे हैं,
जो धनी हैं वे धनी बनते जा रहे हैं,
Ajit Kumar "Karn"
"गुलामगिरी"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
Sarfaraz Ahmed Aasee
चप्पलें
चप्पलें
Kanchan Khanna
..
..
*प्रणय*
मैं नारी हूं...!
मैं नारी हूं...!
singh kunwar sarvendra vikram
Loading...