दिल के अरमा
तुमने मेरे अरमानों को समझा ही नहीं,
मैने जताया तो बहुत था,
तुमने दिल के संदेशों को पढा ही नहीं,
मैने संदेशे भेजे तो बहुत थे,
तुमने दिल का दरवाजा खोला ही नहीं,
मैंने खटखटाया तो बहुत था,
तुमने समझा ही नहीं,
मेरे दिल में प्यार तो बहुत था,
तेरे लिए हर बंदिशों से लड़ने का जज़बा था,
तुमने अजमाया ही नहीं ,
प्यार तो था लेकिन तुमने बोला ही नहीं,
या था कोई इजहार जो मैने सुना ही नहीं ??
अभिनव