दिल के अरमान
दिल के अरमान*****”********
यूं तो हमने अपने दिल में बड़े अरमान सजा रखें है
कुछ सहज सरल तो कुछ हमें ही मुंह चिढ़ा रहे हैं,
पर दिल को बड़ा सूकून दे रहे हैं,
माना कि हमारे हर अरमान सिर्फ हमारे लिए ही हैं
पर विश्वास कीजिए कुछ आम आदमी
सर्व समाज, राष्ट्र और विश्व कल्याण के लिए भी है।
अपने लिए न कोई सपना है
बस मेरे दिल का अरमान इतना है
कि धरती का हर प्राणी खुशहाल हो
कोई एक भी भूखा न सोए
हर किसी के सिर पर छत हो।
सबको स्वास्थ्य, शिक्षा भरपूर हो
मूलभूत सुविधाएं पूरी हो
शांति सौहार्द भाईचारा का परचम हो
भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार आतंकवाद
धार्मिक उन्माद, विभेद न हो,
लूटपाट, दंगा फसाद न हो।
हर चेहरे पर खुशियां और सुकून का भाव हो
आपसी सामंजस्य, खुशहाली हो
खुशियों का संसार हो
सबके दिलों में सभी के लिए प्यार, भाईचारा है।
कोई बच्चा अनाथ न हो
इस धरती पर कोई वृद्धाश्रम, अनाथालय न हो
काश! ऐसा ही अरमान तुम्हारा भी हो
तो दुनिया में रामराज्य हो जायेगा।
ईमानदारी से कहता हूं
मेरे दिल का बस यही अरमान सारा है
जिसे मैंने ईमानदारी से दिल में उतारा है।
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश