दिल के अऱमा
मेरे दिल के सारे अरमां,कविता और गजलो मे डाले
कविताऔर गजलें लिख -लिख,दिल पर पड गय थोड़े जाले
कविता और गजलों में, ना लिखा तेरा नाम कभी
वैन गंगा से भी, ना भेजा पैगाम कभी ..
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खुस रहते होंगे वो,पर ना मिली मुझे खुशी, पर ना होना तुम दुखी ,मुझे बस अपने जीने दो
कविता और गजलों में, बस मेरे अरमा लिखने दो
रंजीत घोसी