दिल की हसरत है मेरी
******* दिल की हसरत है मेरी ********
**********************************
दिल की हसरत है मेरी तेरा तन मन मैं पाऊं
तुम्हीं हो जाओ मेरी और मैं तेरा हो जाऊं।
शायराना तान छिड़ी नगमें तराने सुनाऊं,
गीत और गजलें सारी संग खुशियों के गाऊं।
रंजोगम की हवा कभी दामन न छू पाए,
दुख और गम सारे अपनी ही झोली में डालूं।
कोई वो दिन तो आये आवाज देकर पुकारो,
परबत सपनो का मैं तो हाथों में उठा लाऊं।
मनसीरत है झूमता तितलियों के आसपास,
फूलों की बगिया खिली मैं भंवरा बन जाऊं।
*********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)