दिल की हसरत नहीं कि अब वो मेरी हो जाए
दिल की हसरत नहीं कि अब वो मेरी हो जाए
बस ख्वाहिश इतनी सी है कि कभी कभार
दिख जाय और आंखों का गुजारा हो जाए
शिव प्रताप लोधी
दिल की हसरत नहीं कि अब वो मेरी हो जाए
बस ख्वाहिश इतनी सी है कि कभी कभार
दिख जाय और आंखों का गुजारा हो जाए
शिव प्रताप लोधी