Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2021 · 1 min read

दिल की सफाई है जरूरी

स्वच्छ मन में आह्लादित होकर ही स्वच्छ तन सम्भव ! बात यह नहीं होनी चाहिए कि हम स्वच्छतार्थ क्या कर सकते हैं, क्योंकि इसतरह के वाक्यांश महज़ औपचारिकताभर, चलताऊ और चोरमन लिए होते हैं । सर्वप्रथम मैंने खुद की स्वच्छता के लिए क्या किया ? क्या हमने तन की स्वच्छता से पहले दिल की स्वच्छता को अमलीजामा पहनाया ? उत्तर मिलेगा– नहीं !

मन को पवित्र रखकर ही खुद की दैहिक स्वच्छता, फिर स्वपारिवारिक सदस्यों की स्वच्छता, संबंधियों की स्वच्छता, घर की स्वच्छता, फिर चहारदीवारी के बाहर की स्वच्छता, समाज की स्वच्छता इत्यादि के बाद ही हम आगे की सुध लें, तो बढ़िया है, क्योंकि सम्पूर्ण राष्ट्र की स्वच्छता सामाजिक – सफलता के बाद ही संभव है । हम शपथ व संकल्प लेकर केवल डींगे नहीं हाँक सकते, बल्कि कार्यान्वयन हेतु अंगदी पाँव की भाँति दृढ़ निश्चयी बनने पड़ेंगे और इसे धर्मरूपेण देखने पड़ेंगे।

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 1 Comment · 297 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"आखिर में"
Dr. Kishan tandon kranti
शायर तो नहीं
शायर तो नहीं
Bodhisatva kastooriya
(13) हाँ, नींद हमें भी आती है !
(13) हाँ, नींद हमें भी आती है !
Kishore Nigam
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Dr Archana Gupta
बातों - बातों में छिड़ी,
बातों - बातों में छिड़ी,
sushil sarna
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
Ashok deep
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
आकाश महेशपुरी
कैसी
कैसी
manjula chauhan
तुम्हें प्यार करते हैं
तुम्हें प्यार करते हैं
Mukesh Kumar Sonkar
मनमीत
मनमीत
लक्ष्मी सिंह
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
हरवंश हृदय
तुम मेरे बाद भी
तुम मेरे बाद भी
Dr fauzia Naseem shad
2292.पूर्णिका
2292.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
“मेरी कविता का सफरनामा ”
“मेरी कविता का सफरनामा ”
DrLakshman Jha Parimal
HAPPY CHILDREN'S DAY!!
HAPPY CHILDREN'S DAY!!
Srishty Bansal
पर्यावरण
पर्यावरण
Madhavi Srivastava
काव्य की आत्मा और औचित्य +रमेशराज
काव्य की आत्मा और औचित्य +रमेशराज
कवि रमेशराज
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
#दो_टूक
#दो_टूक
*Author प्रणय प्रभात*
आज जिंदगी को प्रपोज़ किया और कहा -
आज जिंदगी को प्रपोज़ किया और कहा -
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मैं और मेरा यार
मैं और मेरा यार
Radha jha
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके  ठाट।
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके ठाट।
दुष्यन्त 'बाबा'
पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव।
पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव।
surenderpal vaidya
तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है।
तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है।
Manisha Manjari
इतनें रंगो के लोग हो गये के
इतनें रंगो के लोग हो गये के
Sonu sugandh
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
शेखर सिंह
आप को मरने से सिर्फ आप बचा सकते हैं
आप को मरने से सिर्फ आप बचा सकते हैं
पूर्वार्थ
जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है
जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है
Smriti Singh
....नया मोड़
....नया मोड़
Naushaba Suriya
Loading...