Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2024 · 1 min read

दिल की रहगुजर

**ग़ज़ल**
इस दिल की रहगुजर से , गुजर नहीं जाता,
गुजरता है हर गली मगर ,इधर नहीं जाता ।
सजाये हैं हमने भी चमन ए गुलिश्ता ,
ख्वाबों के चमन में कोई , गुजर नहीं जाता।
क़ाबिलियत के दीप हमने भी जलाए है ,
जज़्बातों का दर्द यूँ , बिखर नहीं जाता।
छुपाये फिरते है ज़माने की नजर से ,
ये इश्क और मुश्क ,बेखबर नहीं जाता।
इल्ज़ाम की बारिश में यूँ तो भीग रहे हैं हम,
कैसा भी बुरा वक्त कभी , ठहर नहीं जाता।
बेमुरब्बत से भरी है ये, दिल की बेबसी,
मुफलिसी के साए में, बसर नहीं जाता।
बेगैरत है ये ज़िन्दगी, कब रुसवा हो जाए ,
घर के बड़ों के साए का , असर नहीं जाता।
दर्द-ए-दिल की रातों में, घुट घुट जिए हैं हम ,
उजड़े घरों से परिंदा भी , गुजर नहीं जाता।
जाते है शौक से शमा के पास परवाने ,
चिराग़ में दफ़न कोई , जिगर नहीं जाता ।
हसरत है ‘असीमित’, उसे पाने की,
बेखयाली का ये आलम , मगर नहीं जाता।
**-डॉ मुकेश असीमित**

Language: Hindi
1 Like · 14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हर तरफ खामोशी क्यों है
हर तरफ खामोशी क्यों है
VINOD CHAUHAN
■ सोशल लाइफ़ का
■ सोशल लाइफ़ का "रेवड़ी कल्चर" 😊
*प्रणय प्रभात*
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
कवि रमेशराज
3000.*पूर्णिका*
3000.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बुद्ध फिर मुस्कुराए / मुसाफ़िर बैठा
बुद्ध फिर मुस्कुराए / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
हमारी मंजिल
हमारी मंजिल
Diwakar Mahto
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
Phool gufran
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
DrLakshman Jha Parimal
जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी
जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी
ruby kumari
सितारों को आगे बढ़ना पड़ेगा,
सितारों को आगे बढ़ना पड़ेगा,
Slok maurya "umang"
*हे हनुमंत प्रणाम : सुंदरकांड से प्रेरित आठ दोहे*
*हे हनुमंत प्रणाम : सुंदरकांड से प्रेरित आठ दोहे*
Ravi Prakash
इस जीवन के मधुर क्षणों का
इस जीवन के मधुर क्षणों का
Shweta Soni
छत्तीसगढ़िया संस्कृति के चिन्हारी- हरेली तिहार
छत्तीसगढ़िया संस्कृति के चिन्हारी- हरेली तिहार
Mukesh Kumar Sonkar
I can’t be doing this again,
I can’t be doing this again,
पूर्वार्थ
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Live in Present
Live in Present
Satbir Singh Sidhu
अड़चन
अड़चन
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
घर आंगन
घर आंगन
surenderpal vaidya
भुला देना.....
भुला देना.....
A🇨🇭maanush
आप और हम जीवन के सच ..........एक प्रयास
आप और हम जीवन के सच ..........एक प्रयास
Neeraj Agarwal
हिंदी माता की आराधना
हिंदी माता की आराधना
ओनिका सेतिया 'अनु '
परत
परत
शेखर सिंह
बेजुबान तस्वीर
बेजुबान तस्वीर
Neelam Sharma
******** प्रेम भरे मुक्तक *********
******** प्रेम भरे मुक्तक *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"चाँद को शिकायत" संकलित
Radhakishan R. Mundhra
या खुदा तेरा ही करम रहे।
या खुदा तेरा ही करम रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
पहले नदियां थी , तालाब और पोखरें थी । हमें लगा पानी और पेड़
पहले नदियां थी , तालाब और पोखरें थी । हमें लगा पानी और पेड़
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"लेखनी"
Dr. Kishan tandon kranti
कितना
कितना
Santosh Shrivastava
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...