Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Dec 2017 · 1 min read

दिल की मंजिल..

दिल का सुकुं तलास करूं कैंसे
दिल की मंजिल को में पांऊ कैंसे!!

मंजिल पाने के तो लोग रास्ते निकाला करते हैं
दिल की मंजिल पाने का रास्ता निकालूं कैंसे!!

घर को तो लोग सजा लिया करते हैं
पर दिल मूरत को में सजांऊ कैंसे!!

यों तो दरिया को भी बधांन से रोक देते हैं हम
पर आसुंओ के दरिया का में बांध बनाऊ कैंसे!!

यों तो मंजिलों को भी लोग बदल लेते हैं
पर दिल की मंजिल को में बदलूं कैंसे !!

ऐ खुदा उसके दिये जख्म को कभी न भरना
गर हो दवा तो ये खुदा उसे लगांऊ कैंसे!!

क्या कहूँ बूझ पाता नहीं में
दूरी है बड़ी बता पाट पांऊ कैंसे

रंजीत घोसी ₹

Language: Hindi
239 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं
उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं
Ajit Kumar "Karn"
अनुराग
अनुराग
Sanjay ' शून्य'
Kabhi kitabe pass hoti hai
Kabhi kitabe pass hoti hai
Sakshi Tripathi
अन्तर्मन को झांकती ये निगाहें
अन्तर्मन को झांकती ये निगाहें
Pramila sultan
हरा नहीं रहता
हरा नहीं रहता
Dr fauzia Naseem shad
सीख
सीख
Adha Deshwal
प्यारी सुबह
प्यारी सुबह
Santosh kumar Miri
सौभाग्य मिले
सौभाग्य मिले
Pratibha Pandey
देश की संस्कृति और सभ्यता की ,
देश की संस्कृति और सभ्यता की ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बच्चों का मेला
बच्चों का मेला
अरशद रसूल बदायूंनी
मन को भिगो दे
मन को भिगो दे
हिमांशु Kulshrestha
एक सही आदमी ही अपनी
एक सही आदमी ही अपनी
Ranjeet kumar patre
सांसों की इस सेज पर, सपनों की हर रात।
सांसों की इस सेज पर, सपनों की हर रात।
Suryakant Dwivedi
बात मन की
बात मन की
surenderpal vaidya
Where have you gone
Where have you gone
VINOD CHAUHAN
**कविता: आम आदमी की कहानी**
**कविता: आम आदमी की कहानी**
Dr Mukesh 'Aseemit'
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय*
अभिव्यक्ति का दुरुपयोग एक बहुत ही गंभीर और चिंता का विषय है। भाग - 06 Desert Fellow Rakesh Yadav
अभिव्यक्ति का दुरुपयोग एक बहुत ही गंभीर और चिंता का विषय है। भाग - 06 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
ऐसा तो हमने कभी सोचा नहीं
ऐसा तो हमने कभी सोचा नहीं
gurudeenverma198
दोहा सप्तक. . . . . मोबाइल
दोहा सप्तक. . . . . मोबाइल
sushil sarna
खामोशी के किवाड़
खामोशी के किवाड़
Nitin Kulkarni
स्वयम हूँ स्वयम से दूर
स्वयम हूँ स्वयम से दूर
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
बरगद और बुजुर्ग
बरगद और बुजुर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गुमनाम ज़िन्दगी
गुमनाम ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava
- दिल झूम -झूम जाए -
- दिल झूम -झूम जाए -
bharat gehlot
मौसम ए बहार क्या आया ,सभी गुल  सामने आने लगे हैं,
मौसम ए बहार क्या आया ,सभी गुल सामने आने लगे हैं,
Neelofar Khan
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
सवाल क्यों
सवाल क्यों
RAMESH Kumar
*जग से जाने वालों का धन, धरा यहीं रह जाता है (हिंदी गजल)*
*जग से जाने वालों का धन, धरा यहीं रह जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...