दिल की बात
तुमने
इतना कुछ कहा पर
कभी अपने दिल की बात
कही
जो मन की गहराइयों में
दबाये बैठी थी
एक ज्वालामुखी का
बुझा हुआ
बर्फ सा ठंडा
लावा
वह कभी ज्वालामुखी
बनकर
क्यों धधकता था
यह अपनी पीड़ा
अपना दुख
अपने जीवन की त्रासदी
अपने साथ घटित
एक घोर अन्यायों की
श्रृंखला
अपने जीवन के
दुखद अध्याय की
व्यथा कभी कही।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001