Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Ranjeet kumar patre
12 Followers
Follow
Report Content
10 Jul 2024 · 1 min read
दिल की बात
मुझे कागज़ क़लम दे दो ज़रा हालात लिखने दो
मेरे दिल में छुपे है वो सब जज़्बात लिखने दो ll
Language:
Hindi
Tag:
ग़ज़ल
Like
Share
1 Like
· 50 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
दिल आइना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जीवन सुंदर गात
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
"ओ मेरे मांझी"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
रिश्ते बचाएं
Sonam Puneet Dubey
वो दिन भी क्या दिन थे
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
*सूने पेड़ हुए पतझड़ से, उपवन खाली-खाली (गीत)*
Ravi Prakash
आत्मनिर्भर नारी
Anamika Tiwari 'annpurna '
उपहास ~लघु कथा
Niharika Verma
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
*माँ सरस्वती जी*
Rituraj shivem verma
कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की।
Manisha Manjari
हार से भी जीत जाना सीख ले।
सत्य कुमार प्रेमी
धिक्कार
Dr. Mulla Adam Ali
हम वीर हैं उस धारा के,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
प्यासा पानी जानता,.
Vijay kumar Pandey
बेवजह कभी कुछ नहीं होता,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
प्रियवर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
रससिद्धान्त मूलतः अर्थसिद्धान्त पर आधारित
कवि रमेशराज
मंत्र : दधाना करपधाभ्याम,
Harminder Kaur
माता- पिता
Dr Archana Gupta
ज़िन्दगी मत रुला हम चले जाएंगे
अंसार एटवी
शोर से मौन को
Dr fauzia Naseem shad
23/197. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लिव-इन रिलेशनशिप
लक्ष्मी सिंह
यदि हम विवेक , धैर्य और साहस का साथ न छोडे़ं तो किसी भी विप
Raju Gajbhiye
तुम हो कौन ? समझ इसे
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं सफ़र मे हूं
Shashank Mishra
जब रंग हजारों फैले थे,उसके कपड़े मटमैले थे।
पूर्वार्थ
Loading...