दिल की पतंग को
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सभी दोस्तों को मकरसक्रांती की हार्दिक शुभकामनाएँ
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दिल की पतंग को,
रिश्तों की डोर में बाँध लो…
चाहत की उड़ान को,
हृदय का वृहत आकाश दो…
रिश्तों की डोर को,
मुलाकात की चरखी पे लपेट लो..
बातों की नरमी में,
गुड़ की मिठास दो…
मन की अहम को,
दिल से निकाल फेक दो…
खुली हुई बाहों से
अपनेपन का एहसास दो…
जो भी दूर हो,
उन सब को आवाज दो..
हर मकरसक्रांती पर
अपनों का साथ हो…
रिश्तों में मिठास,
अपनेपन की बात हो….
???? —लक्ष्मी सिंह ?☺