#गीत//दिल की धड़कन
तेरी आँखों के ये आँसू, मैं पलकों पे सजा लूँगा।
तुझे चाहूँगा मैं इतना, दिल की धड़कन बना लूँगा।।
कभी चाहत के सागर में,
दिल की कश्ती तो उतारो तुम।
कभी आँखों के दर्पण में,
हँसके हक से निहारो तुम।
छुपाके दिल के मंदिर में,
देवी पूजा की बना लूँगा।
तुझे चाहूँगा मैं इतना,
दिल की धड़कन बना लूँगा।।
ख़ता गर दिल ने की है तो,
दिल ही सज़दा भी करेगा ये।
सफ़र ये मोहब्बत का है तो,
दिल है बहका भी करेगा ये।
अदा हर यौवन की है ये,
मस्ती का आलम बना लूँगा।
तुझे चाहूँगा मैं इतना,
दिल की धड़कन बना लूँगा।।
वफ़ा फूलों का गुलशन है,
ये यादों का एक चिलमन भी।
वफ़ा गीतों की सरग़म है,
ये ग़जलों का खरापन भी।
तुझे कविता गर कहता मैं,
कवि एक ख़ुद को बना लूँगा।
तुझे चाहूँगा मैं इतना,
दिल की धड़कन बना लूँगा।।
तेरी आँखों के ये आँसू,मैं पलकों पे सजा लूँगा।
तुझे चाहूँगा मैं इतना, दिल की धड़कन बना लूँगा।।
#आर.एस.प्रीतम