दिल की दुनिया सबसे अलग है
दिल की दुनिया सबसे अलग है, दिल सबका हम एक नहीं मानें।
कब किस पर आ जाये यह दिल, ना तुम जानों, ना हम जानें।।
दिल की दुनिया सबसे अलग है ——————।।
मिल गया यदि कोई फूल हसीं, हो जायेगा यह भी हसीन।
महक उठेगा गुल की तरहां, यह बुनकर सपनें लाखों रंगीन।।
ऐसा क्या उसमें देखेगा यह, ना तुम जानों, ना हम जानें।
दिल की दुनिया सबसे अलग है ———————–।।
चिलमन में जो छुपा हुआ है, कहता है उसको यह माहताब।
मिलता है उससे चोरी- छुपकर, बनकर यह भी आफताब।।
क्यों उसके लिए मचल रहा है, ना तुम जानों, ना हम जानें।
दिल की दुनिया सबसे अलग है ———————–।।
खूबसूरत कोई चेहरा देखकर, बन जाता है उसका दीवाना।
यह भूल जाता है होश अपना, गाता है हरपल प्रेम तराना।।
बन जाता है क्यों यह देवदास, ना तुम जानों, ना हम जानें।
दिल की दुनिया सबसे अलग है ———————-।।
ख्वाब हजारों इसने संजोये, जब भी किसी पे दिल आया यहाँ।
कभी यह रोया, कभी खूब हंसा यह, रूप अनेक हैं दिल के यहाँ।।
क्यों है अजीब इतना यह दिल, ना तुम जानों, ना हम जानें।
दिल की दुनिया सबसे अलग है ———————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)