दिल की गहराइयों से वो हमें चाहती है
हरपल मुश्किलों से खुद को वो झुठलाती है,
हमसे नफरत करती है, खुदको ये समझाती है,
जानती वो भी है कि बस अपना मन बहलाती है,
दिल की गहराइयों से टूटकर वो हमें चाहती है।
————शैंकी भाटिया
अगस्त 26, 2016
हरपल मुश्किलों से खुद को वो झुठलाती है,
हमसे नफरत करती है, खुदको ये समझाती है,
जानती वो भी है कि बस अपना मन बहलाती है,
दिल की गहराइयों से टूटकर वो हमें चाहती है।
————शैंकी भाटिया
अगस्त 26, 2016