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3 Jun 2019 · 1 min read

दिल की कलम से #कविता#

बचपन से हुआ लेखनी का आगाज

कागज कलम दवात का

कोरे पन्नों में अल्फ़ाज़ का

पढ़ाई-लिखाई के साथ ही साथ

संजोए आत्मा के हर जज़्बात

जिंदगी का बेहद किमती अभ्यास

हर पल रहे दोस्त बनकर पास

कभी ना होने दें गुमराह

संज्ञान रूप में रहे सदा

बढ़ाए सम्मान के साथ

हमारा परिपूर्ण आत्मविश्वास

जिंदगी में कुछ ऐसे भी पल जहां

राह में चलते हुए रह गए हों तन्हा

तू अपनी लेखनी के माध्यम से

नीले स्याही की कलम से

उकेर दे उन कोरे कागजों पर

अपनी आत्मा की आवाज को

जो एक सुंदर कविता रूप में

लुत्फ उठाये सारा जहां

Language: Hindi
2 Likes · 270 Views
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