Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2022 · 1 min read

दिल किसी से अगर लगायेगा

दुश्मनी इस तरह निभायेगा ।
वो तेरी हां में हां मिलायेगा ।।

पहचान उसको तू न पायेगा ।
वो तुझे मात दे ही जायेगा ।।

कर गई घर जो दूरियाँ दिल में ।
फ़ासले कैसे तू मिटायेगा ।।

टूट जायेगा कांच की मानिंद ।
दिल किसी से अगर लगायेगा ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
15 Likes · 194 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
Shekhar Chandra Mitra
राज़ हैं
राज़ हैं
surenderpal vaidya
23/185.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/185.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
യാത്രാമൊഴി.
യാത്രാമൊഴി.
Heera S
शिक्षा
शिक्षा
Neeraj Agarwal
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा,
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा,
Dr fauzia Naseem shad
महज़ एक गुफ़्तगू से.,
महज़ एक गुफ़्तगू से.,
Shubham Pandey (S P)
यायावर
यायावर
Satish Srijan
नये साल में
नये साल में
Mahetaru madhukar
*अध्याय 6*
*अध्याय 6*
Ravi Prakash
देखिए बिना करवाचौथ के
देखिए बिना करवाचौथ के
शेखर सिंह
मैं रुक गया जो राह में तो मंजिल की गलती क्या?
मैं रुक गया जो राह में तो मंजिल की गलती क्या?
पूर्वार्थ
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
The_dk_poetry
Friend
Friend
Saraswati Bajpai
मसला
मसला
Dr. Kishan tandon kranti
प्यारा भारत देश हमारा
प्यारा भारत देश हमारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
Vishal Prajapati
''दाएं-बाएं बैसाखी की पड़ते ही दरकार।
''दाएं-बाएं बैसाखी की पड़ते ही दरकार।
*प्रणय*
ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं
ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं
Manisha Manjari
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
Rj Anand Prajapati
मित्रो नमस्कार!
मित्रो नमस्कार!
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
सोचना नहीं कि तुमको भूल गया मैं
सोचना नहीं कि तुमको भूल गया मैं
gurudeenverma198
धीरे-धीरे कदम बढ़ा
धीरे-धीरे कदम बढ़ा
Karuna Goswami
सत्य कभी निरभ्र नभ-सा
सत्य कभी निरभ्र नभ-सा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
अमीर
अमीर
Punam Pande
" पुराने साल की बिदाई "
DrLakshman Jha Parimal
पुष्प रुष्ट सब हो गये,
पुष्प रुष्ट सब हो गये,
sushil sarna
इन आँखों ने उनसे चाहत की ख़्वाहिश की है,
इन आँखों ने उनसे चाहत की ख़्वाहिश की है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*पेड़*
*पेड़*
Dushyant Kumar
इंडिया ने परचम लहराया दुनियां में बेकार गया।
इंडिया ने परचम लहराया दुनियां में बेकार गया।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...