दिल का पार्ट
दिल का पार्ट क्या बना दिया ऊपर वाले ने
शरीर में सुरक्षित जगह छुपा दिल ऊपर वाले
इक झटके में ही टूट जाता है नाजुक सा है न
फिर नहीं संभल पाते हैं, वो संभलने वाले !!
लोग हर बात को दिल पर ले लेते हैं बस
कुछ कहो तो बड़ी जल्दी बुरा मान लेते हैं बस
यही कहने से डर सा लगने लग जाता है,
शीशे से भी नाजुक है, कहीं टूट न जाये बस !!
प्यार करने वाले इस महल में ही रहते हैं
हाँ वो दोनों ही इस घर को संभाले रहते हैं
रिश्ता जब तक प्यार का रहता है, सही है
वासना के आते ही , इस घर से दफा हो जाते हैं !!
सच बड़ा नाजुक है यह दिल, टूटने न देना
प्यार की मंजिल में कभी शक होने न देना
ता उम्र यह जवान रह सकता है मेरे दोस्त
“अजीत” शक को कभी यहाँ घर बनाने न देना !!
अजीत तलवार
मेरठ