दिल का दर्द
जो वस्तु सबसे प्रिय
वह सबसे अधिक दूर
जिससे खुद को बचाना चाहो
वह साये की तरह
पीछे पीछे भागे
एक आग के जलजले की
तरह
पीछा करे
लकड़ी के दरवाजे की
सांकल लगाओ तो
लकड़ी के साथ साथ
दिल का दर्द भी जले
पिघले पर यह एक बूंद भी
नहीं
मोम के नहीं
यह धातुओं के नुकीले
चुभते टुकड़ों के मोल मिले।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001