* दिल का दर्द सुनाऐं किसको *
दिल का दर्द सुनाऎं किसको
कोई सुनने वाला नहीं ।
मुझको मिल ही गया अब तो
मेरी वफ़ाओं का सिला ।
दर्द देके मुझे तुम तो
दवा दे ना सके ।
ग़म-ए-जिंदगी का राज
किसको सुनाऐं तूं बता ।
अपने अरमानों को कब तक
दिल में छुपाऐं तूं बता ।
दिल जो टूटा हो किसी का
उससे पूछो तो सनम ।
प्यार की दुनियां जो बसाई थी
उजड़ी पल में अब वही ।
अब तो जीना बडा मुश्किल
कैसे जियें तूं ही बता ।
दिल का दर्द सुनाऐं किसको
कोई सुननेवाला ही नहीं ।।
?मधुप बैरागी