दिल का तुमसे सवाल
हम ये कैसा मलाल कर बैठे,
दिल का तुम से सवाल कर बैठे ।
प्यार करना हमें न आया मगर,
इश्क में हम कमाल कर बैठे ।
खोये थे हम तिरे ख़्यालों में,
पर हक़ीक़त ख़याल कर बैठे ।
ज़िक्र तेरा ज़बान पर ला कर ,
अपना चेहरा गुलाल कर बैठे ।
आप को चाहते हैं उन से कहा,
हम भी कैसी मजाल कर बैठे ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद