दिल का टुकड़ा…
वो तेरी रोज की किलकारीयां,
आज भी दिल में गुंजती है ,
लड़खड़ाती तू हँस के जब ,
सीने से लगती है ,
आँख भर आती है ,
प्यार में दुनिया मेरी खो जाती है…
तू ओझल हो जाये तो,
बेचैनी दिल की बढ़ जाती है ,
रोज उतारू नजर तुम्हारी ,
जान भी मेरी जान,
तुझ पे वारी है ,
आँख भर आती है ,
प्यार में दुनिया मेरी खो जाती है…
तू दिल का टुकड़ा है,
मुझसे ही जन्मा मेरा अंश ,
मेरे सपनों का जहां है ,
मेरी लाडो तू अरमान ,
तू ही जीने का मकसद है ,
तू बिटीया मेरी हम दोनों,
एक दूसरे से बंधे है ,
मेरी दुनिया तुझ में खोई है ,
आँख भर आती है ,
प्यार में दुनिया मेरी खो जाती है…