दिल आहत होता है
कहते हैं कुछ लोग दिल आहत होता है
अपना जब अपने को ही धोखा देता है
दिल रोता है और ग़म को ढोता है
यादों का जब जब वो बोझा ढोता है
कहते हैं कुछ लोग दिल आहत होता है
अपना जब अपने को ही धोखा देता है
दिल तो फिर भी अपना रोना रो लेता है
दिमाग़ को भी दिल जब धोखा देता है
है अपना कौन पराया अहसास होने देता है
कहते हैं कुछ लोग दिल आहत होता है
अपना जब अपने को ही धोखा देता है
चाहत दिल की होती दिमाग़ बोझा ढोता है
दिल जब भी रोता है दिमाग़ ढोता है
कहते हैं बेचारा सन्तुलन अपना खोता है
आहट दिल की दिल में दिल तो सुनता है
दिमाग़ बेचारा आहत अकेला होता है
ना कह पाता किसी को अपनी में होता है
दिल जब भी रोता है दिमाग़ ढोता है
चाहत दिल की होती दिमाग़ बोझा ढोता है
कहते हैं कुछ लोग दिल आहत होता है
अपना जब अपने को ही धोखा देता है।।
मधुप बैरागी