दिल्लगी का आलम तुम्हें क्या बतलाएं,
दिल्लगी का आलम तुम्हें क्या बतलाएं,
मोहब्बत की थी किसी बेवफा से।
काश की दिल्लगी की होती तो दर्द न होता।
किसी बेवफा के प्यार में मेरा दिल न रोता।
श्याम सांवरा….
दिल्लगी का आलम तुम्हें क्या बतलाएं,
मोहब्बत की थी किसी बेवफा से।
काश की दिल्लगी की होती तो दर्द न होता।
किसी बेवफा के प्यार में मेरा दिल न रोता।
श्याम सांवरा….