दिलो जां से बस तेरे पास होता हूँ
सुकून मिलते नहीं है माँ तेरे आंचल वाले
याद आते है तेरे हाथों के खुशबू के निवाले
वो स्वाद तेरे हाथों का फाइव स्टारों मे मिलता कहाँ है
ये शहर की मिट्टी मे गाँव का सुख मिलता कहाँ है
आज सब कुछ तो है पर तेरा साथ नहीं है
माँ तो आज भी है मेरी पर मेरे पास नहीं है
तूने पकड़ के नन्ही उंगलियाँ चलना तो सिखाया माँ
ये दुनिया बहुत अच्छी है ये तुमने बताया माँ
इस दुनिया से मै जब भी हतास होता हूँ
दिलों जाँ से बस तेरे पास होता हूँ
©अrun