दिलों से दिलों को मिला दे
दिलों से दिलों को मिला दे
तू नफरत जहां की मिटा दे
दुबारा न जीवन मिलेगा
न रोकर इसे बस गवा दे
तू कर काम ऐसे यहाँ पर
जो चेहरे पे मुस्कान ला दे
असर तो दुआओं का होगा
दवा मर्ज की भी पिला दे
मुहब्बत में ताकत बहुत है
ये बड़े’ से बड़ा गम भुला दे
न परवाह लोगों की कर तू
कदम बस डगर पर बढ़ा दे
तू ले सीख काँटों पे चलना
कोई राहों में गर बिछा दे
दबा बोझ से ‘अर्चना ‘ दिल
तू कैसे भी इसको हँसा दे
15-05-2019
डॉ अर्चना गुप्ता