दिलों के बीच में…
उसे भी आजतलक इंतजार है शायद
छुपा हुआ ही सही दिल में प्यार है शायद
जिसे ज़माना यहाँ इश्क़ नाम देता है
भले है फूल सा लेकिन कटार है शायद
दिखाई तो नहीं देता मगर लगे मुझको
दिलों के बीच में कोई दीवार है शायद
उसे मिली है यहाँ हर ख़ुशी ज़माने की
मेरे नसीब में बस इंतजार है शायद
किया ‘आकाश’ मुझे याद उसने शिद्दत से
इसीलिए तो ये दिल बेकरार है शायद
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 30/10/2021
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*मापनी- 1212 1122 1212 22