#कुंडलिया//मोहब्बत
मोहब्बत दिल से करो , दिमाग़ से व्यापार।
दो रूहों के मिलन का , होता चाहत सार।।
होता चाहत सार , अपनाओ यह फलसफ़ा।
दिल होगा जब साफ़ , रंग लाए यार वफ़ा।
सुन प्रीतम की बात , खिले सत्य से तबीयत।
देता फूल सुगंध , भरे मस्ती मोहब्बत।
#आर.एस. ‘प्रीतम’