दिलबर
दिलबर
वो मौत बड़ी सुहानी होगी
जो दिलबर के प्यार में आनी होगी
रुख़सत होना पड़ेगा उनसे पहले
उनके स्वागत की रस्म वहां भी निभानी होगी
ये किस्सा फिर से दोहराया जायेगा
ज़ब कोई दिवाना लैला का
और,कोई मजनू की दिवानी होगी
हर लब्ज़ पे होगा वही फ़साना
हर आँख फिर सुनामी होगी
टिप टिप गिरते आंसुओं से
समंदर सा भर जाएगा
फिर से वहां नदियों की
हर रोज रवानी होगी
किस्से तो बहुत होंगे इस दुनिया में
मगर मोहब्बत की कुछ अलग कहानी होगी
वो मौत बड़ी सुहानी होगी
जो दिलबर के प्यार में आनी होगी