दिलदार आना बाकी है
यूं उम्र दराज न कहो, अभी बहार आना बाकी है,
चमन मे फूल, समंदर में ज्वार आना बाकी है।
यूं ही नहीं गुजारनी है जिन्दगी मुफ़लिसी मे,
करनी है दिल्लगी,अभी दिलदार आना बाकी है।
✍️जटाशंकर”जटा”
यूं उम्र दराज न कहो, अभी बहार आना बाकी है,
चमन मे फूल, समंदर में ज्वार आना बाकी है।
यूं ही नहीं गुजारनी है जिन्दगी मुफ़लिसी मे,
करनी है दिल्लगी,अभी दिलदार आना बाकी है।
✍️जटाशंकर”जटा”