दियो आहाँ ध्यान बढियाँ सं, जखन आहाँ लिखी रहल छी
दियो आहाँ ध्यान बढियाँ सं, जखन आहाँ लिखी रहल छी
दियो आहाँ श्रेष्ठता सबकें ,जखन कोनो गप्प लिखैत छी
नहिं आहाँ कोनो भाषा कें ,निखित आहाँ कहियों जुनि बुझु
करू आहाँ प्रेम जीवन भरि, निरादर कहियो जुनि सोचू !!
@ परिमल