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27 Nov 2021 · 1 min read

दिन

दिन रेत की तरह बिना कोई ढेर छोड़े बीत गया।दिन भर अनावश्यक चुप्पी होठों पर स्थिर रही।लंबी जिज्ञासा और बीच-बीच में क्षणिक निराशा जैसे काॅरीडोर से फिल्म देखी जा रही हो और मुख्य किरदार ‘क्लोज अप’उभरने लगा हो..।

Language: Hindi
Tag: लेख
393 Views
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