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16 Jan 2021 · 1 min read

दिन रात

**********दिन-रात (रोला)**********
********************************
1 दिन
******
आया है झूम कर,खुशी भरा दिन सुहाना।
भूलो बीती बात, बीत गया वो जमाना।।
भूली बिसरी याद,यादों युक्त अफसाना।
कबूल हुई फरियाद,मिला हसीन नजराना।।
*********************************
2
रात
******
बीती काली रात , दूर हो गया अन्धेरा।
जागी मन में आश ,हो गया नया सवेरा।।
तोड़ कर महाजाल ,नया बसायें बसेरा।
तरु ,पात रज रहित , बादल बरसा घनेरा।।
*********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
374 Views
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