दिन ओ रैन नहीं रहे , तेरे बिन ना चैन l
दिन ओ रैन नहीं रहे , तेरे बिन ना चैन l
रूप देन होवे बड़ी, बेचैनी ठिकठैन ll
प्रीत सूखी सहज सहज, है नमी लिए नैन l
बदनामी देयी बड़ी, बद न रहे बेचैन ll
जो कड़वी कड़वी कठिन, सुख दे दवा कुनैन l
परम पावन प्राप्ति है , प्यास में लेनदेन ll
अरविन्द व्यास “प्यास”