दिखा तू अपना जलवा
(शेर)- दम दिखाकर जीत का, लिख दे तू इतिहास नया।
झुककर तुझको करें सलाम,याद करें सारी दुनिया।।
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दिखा तू अपना जलवा। दिखा तू अपना जलवा।।- (2)
नहीं बहा ऐसे तू आँसू , मानकर अपनी किस्मत।
देखकर ऐसे तू मुसीबत ,हार नहीं ऐसे हिम्मत।।
दिखा तू अपना जलवा—————–(4)
नहीं बहा ऐसे तू आँसू ———————–।।
हंसती है तुझपे दुनिया गर, पीछे नहीं हटा कदम।
कामयाबी तुझको मिलेगी, तुझमें भी है ऐसा दम।।
उस दुनिया की क्यों चिंता, जिससे मिली नहीं इज्जत।
देखकर ऐसे तू मुसीबत, हार नहीं ऐसे हिम्मत।।
दिखा तू अपना जलवा————————–(4)
नहीं बहा ऐसे तू आँसू ————————–।।
सत्य कभी मरता नहीं है, सत्य का नहीं साथ छोड़।
किसी लालच और मोह में,नेकी की नहीं राह छोड़।।
होगी सत्य की ही जीत, यही है सबकी मिन्नत।
देखकर ऐसे तू मुसीबत, हार नहीं ऐसे हिम्मत।।
दिखा तू अपना जलवा—————————(4)
नहीं बहा ऐसे तू आँसू —————————-।।
होगा नतमस्तक पहाड़, रास्ता भी देगी नदियाँ।
होंगे तेरे सितारें बुलन्द, महकेगी तेरी भी बगियाँ।।
होंगे शर्मिंदा भी विरोधी, देखकर शिद्दत- सीरत।
देखकर ऐसे तू मुसीबत, हार नहीं ऐसे हिम्मत।।
दिखा तू अपना जलवा————————-(4)
नहीं बहा ऐसे तू आँसू ————————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)