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8 Oct 2022 · 1 min read

दास्तां-ए-दर्द

दास्तां-ए-दर्द

स्वावलंबी बनना चाहा तो पर निकलना बता दिया,
ऊंचा ओहदा चाहा तो, कैरियर की भूखी बता दिया,
बराबरी चाही तो, अधिकारों की समझ को जाहिल बता दिया,
हक जताना चाहा तो, चालाक बता दिया।।

#seematuhaina

5 Likes · 2 Comments · 346 Views

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