दायरों में बँधा जीवन शायद खुल कर साँस भी नहीं ले पाता
दायरों में बँधा जीवन शायद खुल कर साँस भी नहीं ले पाता
बंदिशें परवाज़ की रफ़्तार को भी कमतर कर देती हैं
इसीलिए स्वतंत्रता / आज़ादी / स्वाधीनता / मुक्ति किसी भी कीमत पर मिलें हासिल जरूर करनी चाहिए ।।
सीमा वर्मा
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