Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Sep 2021 · 1 min read

दायरे…

‘तुम’ मुझसे
अल्फाजों को
दायरे में बाँधने की
ज़िद ना करो

लंबी खामोशी के बाद
बड़ी मुश्किलों से मैंने
ज़ुबाँ खोली है….
– ✍️देवश्री पारीक ‘अर्पिता’
©®

Language: Hindi
Tag: शेर
5 Likes · 4 Comments · 593 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मां रिश्तों में सबसे जुदा सी होती है।
मां रिश्तों में सबसे जुदा सी होती है।
Taj Mohammad
परिंदे बिन पर के (ग़ज़ल)
परिंदे बिन पर के (ग़ज़ल)
Vijay kumar Pandey
जयघोष
जयघोष
Vivek saswat Shukla
है सियासत का असर या है जमाने का चलन।
है सियासत का असर या है जमाने का चलन।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
चाय ही पी लेते हैं
चाय ही पी लेते हैं
Ghanshyam Poddar
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें।
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें।
निकेश कुमार ठाकुर
हैप्पी न्यू ईयर 2024
हैप्पी न्यू ईयर 2024
Shivkumar Bilagrami
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
Kuldeep mishra (KD)
सूरज आएगा Suraj Aayega
सूरज आएगा Suraj Aayega
Mohan Pandey
किरदार हो या
किरदार हो या
Mahender Singh
🙅पता चला है🙅
🙅पता चला है🙅
*प्रणय प्रभात*
विश्राम   ...
विश्राम ...
sushil sarna
ग्रीष्म ऋतु --
ग्रीष्म ऋतु --
Seema Garg
एक विचार पर हमेशा गौर कीजियेगा
एक विचार पर हमेशा गौर कीजियेगा
शेखर सिंह
बादल बरस भी जाओ
बादल बरस भी जाओ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
रोम रोम है पुलकित मन
रोम रोम है पुलकित मन
sudhir kumar
कोई कितना बिख़र गया कैसे ,
कोई कितना बिख़र गया कैसे ,
Dr fauzia Naseem shad
इन आँखों ने उनसे चाहत की ख़्वाहिश की है,
इन आँखों ने उनसे चाहत की ख़्वाहिश की है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लतियाते रहिये
लतियाते रहिये
विजय कुमार नामदेव
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"गलत"
Dr. Kishan tandon kranti
कूष्माण्डा
कूष्माण्डा
surenderpal vaidya
*वो मेरी मांँ है*
*वो मेरी मांँ है*
Dushyant Kumar
4186💐 *पूर्णिका* 💐
4186💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मेरे ख्वाब ।
मेरे ख्वाब ।
Sonit Parjapati
कविता के प्रेरणादायक शब्द ही सन्देश हैं।
कविता के प्रेरणादायक शब्द ही सन्देश हैं।
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
"सहर होने को" कई और "पहर" बाक़ी हैं ....
Atul "Krishn"
रंग -भेद ना चाहिए ,विश्व शांति लाइए ,सम्मान सबका कीजिए,
रंग -भेद ना चाहिए ,विश्व शांति लाइए ,सम्मान सबका कीजिए,
DrLakshman Jha Parimal
*सौभाग्य*
*सौभाग्य*
Harminder Kaur
Loading...