Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2017 · 1 min read

दामिनी जिंदा है अभी

आज निर्भया यानी दामिनी या असली नाम ज्योति का जन्मदिन है। ज्योति की मां ने आज पत्रकार को उसका कमरा खोल कर दिखाया।
निर्भया पर तब लिखी एक कविता यहां प्रस्तुत है।

दामिनी अभी जिन्दा है

दामिनी जिन्दा है अभी
अगर वह मर गई होती
राष्ट्र को इस तरह
जिन्दा न कर गई होती
वह जिन्दा है
मुझ में, तुझ में
धरती के अंगारों में
चाँद और सितारों में
आज के नौजवान की धड़कनों में
किरणों के चमकते किनारों में
रूह उस की घूम घूम कर
कह रही है
उठो जागो
गफलतें त्यागो
नही सहो अब
आतंकी अत्याचार
ले आओ बदलाव अब
देश की बेटियों की
करो संभाल
रहना चाहते हो जिन्दा
नहीं तो प्रलय का
एक ऐसा झोंका आएगा
नहीं बचेगा कुछ भी
न यह राज
न यह समाज
न यह सभ्यता
न यह सृष्टि
न यह इंसान
न भगवान् ।

Language: Hindi
423 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Santosh Khanna (world record holder)
View all
You may also like:
4931.*पूर्णिका*
4931.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब अकेला निकल गया मैं दुनियादारी देखने,
जब अकेला निकल गया मैं दुनियादारी देखने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*** चल अकेला.....!!! ***
*** चल अकेला.....!!! ***
VEDANTA PATEL
बहुत दूर जा चुके बिछड़कर, कभी नहीं फिर आने को।
बहुत दूर जा चुके बिछड़कर, कभी नहीं फिर आने को।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अनजान राहें अनजान पथिक
अनजान राहें अनजान पथिक
SATPAL CHAUHAN
*होता है अमर नहीं कोई, अमरत्व भला किसने पाया (राधेश्यामी छंद
*होता है अमर नहीं कोई, अमरत्व भला किसने पाया (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
कड़वा सच
कड़वा सच
Sanjeev Kumar mishra
"आधुनिक नारी"
Ekta chitrangini
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक अरुण अतृप्त
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नारी अस्मिता
नारी अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
प्रेमी से बिछोह का अर्थ ये नहीं होता कि,उससे जो प्रेम हैं
प्रेमी से बिछोह का अर्थ ये नहीं होता कि,उससे जो प्रेम हैं
पूर्वार्थ
Sometimes a thought comes
Sometimes a thought comes
Bidyadhar Mantry
ये बेटा तेरा मर जाएगा
ये बेटा तेरा मर जाएगा
Basant Bhagawan Roy
Unrequited
Unrequited
Vedha Singh
" जब "
Dr. Kishan tandon kranti
..
..
*प्रणय*
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
सुलोचना
सुलोचना
Santosh kumar Miri
अरे रामलला दशरथ नंदन
अरे रामलला दशरथ नंदन
Neeraj Mishra " नीर "
हरियाली तीज
हरियाली तीज
VINOD CHAUHAN
हमारे ख्यालों पर
हमारे ख्यालों पर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
त्यागने से जागने की ओर - रविकेश झा
त्यागने से जागने की ओर - रविकेश झा
Ravikesh Jha
माया और ब़ंम्ह
माया और ब़ंम्ह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दर्द अपना, गिला नहीं कोई।
दर्द अपना, गिला नहीं कोई।
सत्य कुमार प्रेमी
ये जिंदगी है साहब.
ये जिंदगी है साहब.
शेखर सिंह
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ग़ज़ल _ खुशी में खुश भी रहो ,और कामना भी करो।
ग़ज़ल _ खुशी में खुश भी रहो ,और कामना भी करो।
Neelofar Khan
শিবের কবিতা
শিবের কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
रात की नदी में
रात की नदी में
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
Loading...