दान का महत्व।
हमारे वेदों में दान का महत्व बहुत बड़ा बताया गया है। लेकिन हमारी शिक्षा ,वेद संमत न होने के कारण हमने अपनी जिंदगी में दान को महत्त्व नही दिया है। बल्कि,जिन लोगों को दान देना चाहिए था उनसे हमने कमाई करना शुरू कर दिया।दान किसी भी समाज को दे सकते हैं,बस वह व्यक्ति गरीब होना चाहिए। दान से व्यक्ति का जीवन सुखमय बनता है। मनुष्य को अपनी कमाई का बीस प्रतिशत हिस्सा दान में देना चाहिए। उससे मनुष्य के लोक और परलोक दोनों ही सुधर जाते हैं। श्रीराम।अगर मनुष्य को दान नही कर सकता है।तो वह पशु पक्षियों को दाना के रूप में दान कर सकता है। और पेड़ पौधों को भी दान कर सकता है।वह जल चढ़ा कर भी दान कर सकता है। क्यों कि मनुष्य जो कुछ भी लेता है।वह प्रकृति से ग्रहण करता है। इसलिए मनुष्य को इन सभी के साथ रिश्ता निभाना है। मनुष्य के जीवन को सुखमय बनाने के लिए इन सभी का साथ होता है। हमें इन्हें कभी भूलना नहीं चाहिए।जय श्रीराम।