दादी की आह… !
नारी ना जाने कितने ही रूपों का संगम है, पुत्री से पत्नी और पत्नी से माँ और माँ से दादी और भी ना जाने कितने ही रिश्ते जुड़े होते है l नारी चरित्र का कोई छोर नहीं l इन्ही मे एक है दादी का रूप l
दादी जिसे सब बचपन से जानते आये है, जिनकी गोद मे खेल -कूद, कहानीयाँ सुनकर और ना जाने कितनी ही सौगातो का आनंद लेते आये हैl दादी की हर बात मे ना जाने कितने ही रहस्य होते है क्यूंकि वह जिंदगी के हर पड़ाव से गुजर चुकी होती है l
दादी माँ हमेशा अपने बच्चों का भला ही चाहती हैl जब कोई बेटा अपनी माँ को छोड़कर चला जाता है, तो कही ना उसकी वजह एक औरत ही होती है l
क्या माँ के कोई जज्बात नहीं है… !
माँ अपने बच्चे को 9माह तक अपनी कोख में पालती है, असहनीय पीड़ा के पश्चात उस बच्चे को जन्म देती है, क्या इससे बढ़कर भी कोई दर्द होता है, क्या…उस शख्स को कोई तकलीफ नहीं होती ज़ब वो माँ को अकेला छोड़ जाता है….. !
यदि दर्द होता है तो फिर क्यों लोग उन्हें किसी अनाथआश्रम या किसी फोटपाथ पे छोड़ आते है क्यूँ …..??
क्यूँ लोग उन्हें घर के किसी गंदे बिस्तर के साथ बेकार सा घर का कोना उनके नाम करते है….??
ज़ब माँ अपने बच्चों को ही अपनी संपत्ति, जायदाद और वारिश मानती है, तो फिर क्यूँ लोग अपने ही माँ- बाप के जज्बातो का गला घोटने पे उतारू हो जाते है…
क्यों उनपर झूठा लांछन लगाते है कि आपने हमारे लिए किया क्या है… क्यूँ…..??
माँ का दिल तोह आखिर माँ का दिल है… !
हर माँ अपने बच्चे को शिक्षित करती है उसे बड़ा आदमी बनाती है, उसकी शादी तक करती है….. क्या इसीलिए ही की उसे बहु के ताने सुनने पडे, या इसीलिए की उसे ख़राब खाना और फटा कम्बल ओढ़ने को मिले….. !
ज़ब माँ बूढी हो जाती है, ठीक से दिखना – सुनना बंद हो जाता है, ज़ब खाना तक नहीं खा पाती है, ज़ब वह खुद का ख्याल नहीं रख पाती है…. तब उन्हें अनदेखा किया जाता है… !!
ज़ब आपको कोई चोट लगती थी तब आप माँ करके चिल्लाते है, और ज़ब माँ को दर्द होता है तो क्या उन्हें अपने बच्चों को पुकारने का कोई हक़ नहीं….. ! वाह जी…??
बचपन मे ज़ब आपको जरा सा बुखार होता था तब माँ हज़ार डॉक्टर बदल देती थी, और ज़ब आज उनकी तबीयत ठीक नहीं है तो आपके पास बहाने कम नहीं है मेरे पास पैसे नहीं है, तेरे और भी तो बेटे है उनसे क्यूँ नहीं कहती…..?? तुम्हारे इलाज के अलावा मुझे और कोई काम नहीं है क्या……??
ज़ब माँ रात को दर्द से कराहा करती है तब कोई भी मलहम करने नहीं आता है…. !
क्या वह आपकी माँ नहीं है, या आपका उनसे कोई वास्ता नहीं है या अब वो किसी काम की नहीं है…… !
क्या कोई उनके दिल की बात नहीं समझ सकता कहिये…. !
क्या कोई उनके दिन की आह नहीं सुन सकता…… !!
क्या आप इतने कठोर हो सकते हो….. !!!!!!