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12 Dec 2023 · 1 min read

*दादा-दादी (बाल कविता)*

दादा-दादी (बाल कविता)
______________________
बूढ़े हैं अब दादा-दादी
घर में ही रहने के आदी

तीरथ-यात्रा कब जा पाए
चलने-फिरने से घबराए

कंधों पर मैं ले जाऊॅंगा
सारे तीरथ करवाऊॅंगा
———————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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