#दादा जी की यादों से
उसेई मुसेई, पुसेई के घर
दावत खाने गए, लेकिन वो थे काले चूहे उनको कौन खिलाए ।
गोरे बनने की धुन में वो गए जहां था आटा,
एक खड़ा रह गया, एक ने चट बोरे को काटा ।।
खुला सफ़ेदी का फव्वारा दोनों लगे नहाने,
नहा धोकर वो फिर से पहुंचे खाने ।।
इस बार उनका स्वागत हुआ अनोखा,
पुसेई को कब मालूम होगा
उसने खाया धोखा ।।